Chapter 3 : Vibhooti Pada
|| 3.40 ||

समानजयाज्ज्वलनम् 


पदच्छेद: समान-जयात्-ज्वलनम् ॥


शब्दार्थ / Word Meaning

Hindi

  • समान-समान नामक प्राण पर
  • जयात्-विजय प्राप्त कर लेने से
  • ज्वलनम् -योगी में तेजस्विता आ जाती है

English

  • samana - samana(one of the five main vital energies)
  • jayat - by conquering
  • jvalanam - effulgence.

सूत्रार्थ / Sutra Meaning

Hindi: समान नामक प्राण पर विजय प्राप्त करने से योगी के शरीर में विलक्षण तेजस्विता दिखाई देने लग जाती है।

Sanskrit:

English: By the conquest of the current samana, effulgence is acquired.

French:

German: Kontrolle über Samāna-Vāyu ( den Teil des Prāna- der Lebenskraft - der im Verdauungsbereich wirkt) führt zur glühenden Qualität des Körpers.

Audio

Yog Sutra 3.40

Explanation/Sutr Vyakhya

  • Hindi
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  • Sanskrit
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  • German
  • Yog Kavya

उदान प्राण पर विजय के बाद महर्षि बता रहे हैं कि यदि योगी समान नमक प्राण पर वशता कर ले तो फिर एक पुरे शरीर में एक विशेष प्रकार की तेजस्विता आने लग जाती है |

समान नामक प्राण की स्थिति शरीर में नाभि प्रदेश से लेकर ह्रदय प्रदेश तक होती है जिसका मुख्य कार्य पाचन तंत्र को ठीक रखना होता है और साथ ही पचे हुए भोजन को समान रूप से सारे शरीर में वितरित करता करना है |

शरीर की तेजस्विता हमारे अच्छे सात्विक भोजनएवं उसके ठीक प्रकार से पाचन पर निर्भर है | ठीक प्रकार के पाचन के बाद से जब वह भोजन उर्जा में बदलकर पुरे शरीर में समान रूप से वितरित होता है तो शरीर की कांति बढ़ने लग जाती है |

इस प्रकार समान नामक प्राण से तेजस्विता का सीधा अर्थ है |

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