चंद्रमा के ऊपर धारणा ध्यान और समाधि के प्रयोग से सब तारों की स्थिति के बारे में योगी को पता चल जाता है अब इसी श्रृंखला में जब योगी उन तारों में से जो ध्रुव तारा है, उसके ऊपर विशेष रूप से संयम करता है तो अन्य सभी तारों की गति उसके विषय में सम्यक ज्ञान प्राप्त हो जाता है |क्योंकि ध्रुव तारा अपने स्थान से कभी भी विचलित नहीं होता है, कभी भी कम्पित नहीं होता है | ध्रुव तारे की स्थिरता यहां पर आधार बन जाती है दूसरे तारों की गति को मापने में | ध्रुव तारे की जो स्थिर स्थिति है उस पर धारणा -ध्यान और समाधि का एक साथ प्रयोग करने से सभी तारों की गति या उनकी चाल या वे किस नक्षत्र में गति कर रहे हैं इसका ठीक ठीक ज्ञान योगी को होने लगता है |