Chapter 3 : Vibhooti Pada
|| 3.37 ||

ते समाधावुपसर्गा व्युत्थाने सिद्धयः 


पदच्छेद: ते, समाधौ, उपसर्गा:, व्युत्थाने, सिद्धय:॥


शब्दार्थ / Word Meaning

Hindi

  • ते-वे प्रातिभादि सिद्धियाँ
  • समाधौ -समाधि लगमे में
  • उपसर्गा: -विध्न अर्थात बाधक हैं और
  • व्युत्थाने -व्युत्थान दशा में
  • सिद्धयः -सिद्धियाँ हैं

English

  • te - these (supernormal powers)
  • samadhav - samadhi
  • upasargaa - obstacles, impediments
  • vyutthane - worldly state
  • siddhayah - powers, accomplishments.

सूत्रार्थ / Sutra Meaning

Hindi: वे सभी प्रातिभ, श्रावण, वेदन, आदर्श, आस्वाद और वार्ता नाम की छ: सिद्धियाँ समाधि की प्राप्ति में विध्न उत्पन्न करती हैं, लेकिन व्युत्थान दशा अर्थात जिसमें चित्त योग की स्थिति में नहीं रहता, में यह सिद्धियाँ हैं ।

Sanskrit: 

English: These (supernormal powers) are obstacles to samadhi, but they are powers in the worldly state.

French: 

German: All diese Fähigkeiten sind für die Ruhelosen Errungenschaften; für diejenigen in Samādhi ( der vollkommenen Erkenntnis) sind sie eher Brüche.

Audio

Yog Sutra 3.37

Explanation/Sutr Vyakhya

  • Hindi
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  • German
  • Yog Kavya

ते समाधावुपसर्गा व्युत्थाने सिद्धयः ॥ ३.३७॥

पूर्व सूत्र में वर्णित सभी ६ सिद्धियाँ समाधि की स्थिति के लिए तो बाधा स्वरुप हैं लेकिन यही सिद्धियाँ व्युत्थान काल (अर्थात जब चित्त समाहित न होकर लौकिक व्यवहार में चलायमान होता है, त्रिगुणों का प्रभाव रहता है) में ये सिद्धि स्वरुप फलदायी होती हैं |

इसलिए इन ६ प्रकार की सिद्धिओं का उपयोग व्युत्थान काल में ही करना चाहिए और साधक को तो अत्यावश्यक होने पर लोक कल्याण के लिए ही करना चाहिए अन्यथा इन्हीं सिद्धिओं के फेर में पड़कर साधक अपने सबसे बड़े लक्ष्य, समाधि को भूल सकता है |

यहाँ व्युत्थान काल को एक बार पुनः समझ लेते हैं- व्युत्थान काल उसे कहा गया है जब चित्त में त्रिगुणों का प्रभाव रहता है और चित्त चंचल होने से उसमें एकाग्रता नहीं रहती है जिससे मन या | चित्त में जैसे भी विचार उठते हैं वैसा ही चित्त भाव करने लग जाता है |

 

चूँकि इन सिद्धियों में अधिकतर इन्द्रियों से सम्बंधित कार्य है तो इसलिए भी ये सिद्धियाँ समाधि में बाधा हैं और केवल व्युत्थान काल में ही इनका उपयोग लोक कल्याण के लिए किया जाना चाहिए |

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