Chapter 4 : Kaivalya Pada
|| 4.26 ||

तदा‌ ‌विवेकनिम्नं‌ ‌कैवल्यप्राग्भारं‌ ‌चित्तम्‌ ‌


पदच्छेद: तदा,विवेकनिम्नम् , कैवल्य-प्राग्भारम्, चित्तम् ॥


शब्दार्थ / Word Meaning

Hindi

  • तदा- तब जब योगी को विवेक ज्ञान की प्राप्ति होने पर
  • चित्तम् -उसका चित्त
  • विवेकनिम्नम् - विवेकज्ञान के मार्ग पर झुका
  • कैवल्य- कैवल्य अर्थात मुक्ति या समाधि प्राप्त करने के लिए
  • प्राग्भारम्- अभिमुख हो जाता है

सूत्रार्थ / Sutra Meaning

Hindi: जब योगी विवेकज्ञान की प्राप्ति कर लेता है तब उसका चित्त विवेक ज्ञान के मार्ग पर निरंतर लगा हुआ कैवल्य की ओर अभिमुख हो जाता है ।

Sanskrit:

English:

French:

German:

Audio

Yog Sutra 4.26

Explanation/Sutr Vyakhya

  • Hindi
  • English
  • Sanskrit
  • French
  • German
  • Yog Kavya

विवेकज्ञान प्राप्त होने के बाद योगी को और क्या क्या लाभ मिलते हैं?

 

जब तक योगी को विवेकज्ञान की प्राप्ति नहीं होती है तब तक वह मोक्ष के लिए प्रयत्नशील होता है। लेकिन विवेकज्ञान की प्राप्ति के बाद वह विवेकज्ञान के पीछे पीछे आसरा लेकर चलता रहता है जो इसे कैवल्य की ओर लेकर जाती है। इसका एहसास योगी को भी होने लगता है, इसलिए वह विवेकज्ञान के सहारे आगे बढ़ता रहता है।

 

विवेकज्ञान का तात्त्विक अर्थ है, ठीक प्रकार से सही और गलत का ज्ञान हो जाना। मनुष्य जीवन की संपूर्णता की दृष्टि से, मनुष्य के अंतिम पुरुषार्थ मोक्ष की दृष्टि से, आत्मा एवं परमात्मा की मिलन की दृष्टि से जो कुछ आत्मा के लिए उचित है और जो कुछ हेय है, उसका ठीक ठीक ज्ञान हो विवेकज्ञान कहलाता है। जब यह ज्ञान योगी को हो जाता है और उसकी स्थिति इस ज्ञान में प्रतिष्ठित हो जाती है तब वह पूर्ण रूप से निर्भय और निर्भार होकर विवेकज्ञान के पीछे पीछे चल देता है और कैवल्य उन्मुख हो जाता है।

 

उस समय वह सहजता और सरलता का अनुभव करता हुआ आगे बढ़ता है।

 

यह ऐसी स्थिति है जब उसके अविद्या जनित सारे क्लेश अत्यंत निर्बल हो जाते हैं और उसके जीवन में किसी भी प्रकार का आंतरिक द्वंद शेष नहीं रह जाता है और उसकी स्थिति स्वाभाविक हो जाती है।

coming soon..
coming soon..
coming soon..
coming soon..
coming soon..

2 thoughts on “4.26”

  1. SHYAM KUMAR BARANWAL says:

    Commendable effort. You have added value to the existing deliberations on the subject.

    1. admin says:

      Thank you

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *